चंपारण में फंसे हैं गुजरात से आए 94 श्रद्धालु, सीएम की पत्नी ने कराया भोजन, मास्क और दवाइयों का इंतजाम

धार्मिक स्थानों के दर्शन करने गुजरात से आए 94 श्रद्धालु चंपारण में फंस गए हैं। इनमें महिलाओं की संख्या अधिक है। उनके पास आने-जाने के लिए साधन हैं न भोजन और दवाएं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल को जब इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए सारे जरूरी इंतजाम करवाने की पहल की। शनिवार को श्रद्धालुओं तक भोजन, दवाएं मास्क, दवाएं और अन्य जरूरी सामग्रियां पहुंचाई दी गई हैं। 



दरअसल, कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए देशभर में लॉकडाउन कर दिया गया है। इसी वजह से चंपारण में गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से आए 94 श्रद्धालु फंसे हुए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने बताया कि जब इसकी जानकारी सीएम बघेल की पत्नी को हुई तो उन्होंने तत्काल मदद करने की इच्छा जताई। इसके बाद उन्होंने कपड़े से बने 200 मास्क, 100 से अधिक एंटीसेप्टिक साबुन और दूध के पैकेट की व्यवस्था कराई। बघेल ने वहां पर रुके सभी श्रद्धालुओं से शांति बनाए रखने की अपील की है।


जैतूसाव मठ ने दिए डेढ़ लाख रुपए


जैतूसाव मठ की अोर से कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में डेढ़ लाख रुपए जमा कराए गए हैं। साथ ही ट्रस्ट की ओर से 60 गांवों में वायरस से बचाव के लिए दवाओं का छिड़काव करने 60 मशीनें भी उपलब्ध कराई गई हैं। मठ के सचिव महेंद्र अग्रवाल और अजय तिवारी ने राशि और मशीनें विधायक सत्यनारायण शर्मा के जरिए सरकार को उपलब्ध कराईं।


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